बुधवार, 27 मार्च 2013

                     आशा की किरण

हम चल दिए मुट्ठी में सूरज कैद करने,
आशा की किरणें साथ है और उड़ान भरने,
हमें है यकीं एक दिन सितारे चूम लेंगे,
सब साथ होकर होकर , इस गगन में घूम लेंगे,
रोको न हमको आज तो उड़ना हो होगा,
दरिया को सागर से अभी मिलना ही होगा ||

चाहा कहाँ था , राह में फूलों को हमने,
अब क्या हुआ जो आज यूँ पत्थर मिलें हैं ,
रुकते नहीं , झुकते नहीं , डरते नहीं हम ,
दिल में लिए तूफ़ान हम जो चल दिए हैं  ,
हम साथ हैं तो वक़्त को रुकना ही होगा ,
सीने की बुझती आग को जलना ही होगा,
दरिया को सागर से अभी मिलना ही होगा ||

दिल हमारे प्यार है और दर्द भी है ,
कुछ अनकही सी बात है जज्बात भी है,
चाहे तो पल में इस जहाँ को हम बदल दें,
बहती हवा का ठान लें तो रुख बदल दें,
कुछ कर दिखाना है हमें ये कहते नहीं हैं ,
पर इस अनोखी प्यास को बुझना ही होगा ,
दरिया को सागर से अभी मिलना ही होगा ||


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