बुधवार, 27 मार्च 2013

                प्रेमपुरा
देखो कैसी खबर छपी है ,प्रेमपुरा के अखबार में ??
28 मजनू ढेर हो गए,   एक लैला के इंतज़ार में???
और लाछो – छमीयाँ के भाऊ बढ़ गए, इश्क के बाज़ार में,
इसका असर तो यारों सारे दीवानों पे दीखेगा ,
अब बेटा अपने ही घर में, चोरी करना सीखेगा,
देख के यहाँ का इश्क –e-आलम यहाँ की ,
चिड़ियाँ भी अब हँसती हैं ,
प्रेम की दरिया में बहती ये, प्रेमपुरा की बस्ती है  ||

प्रेमपुरा के इश्क नगर में , एक चमेली रहती हैं ,
चिकनी है , अकेली रहती है ,
लापता-चौक पर, हर शाम वो, सब का मन बहलाने आती है ,
और नदिया किनारे रज़िया जब भी ,
पानी भरने जाती हैं, उफ़ गुंडों में फँस जाती है ,
यहाँ तो गब्बर के घोड़े संग , अब धन्नो नयन लड़ाती है ,
और बेचारी बसंती बस ऐवें ही लूट जाती है ,
क्या बतलाऊँ यारों , यादव की सरकार बड़ी ही सस्ती हैं ,
प्रेम की दरिया में बहती ये, प्रेमपुरा की बस्ती है  ||

मास्टर जी ने बोला हैं, सारा भेद मिटाना हैं ,
मुन्ना केहता है बाबू से , मतलब मैं हिन्दू हूँ ,
तो मुस्लिम लड़की को ले भगाना है,
उधर मुनियाँ कहती हैं अम्मी से ,
मैं पढने अब न जाउंगी ,
मुझे पता है, बाहर गयी तो मुन्नी कहलाऊगी ,
माँ, बदनाम हो जाउंगी ,
इन बातों को सुन कर बाबू की, सांसे अब भी अटकी है,
प्रेम की दरिया में बहती, ये प्रेमपुरा की बस्ती है  ||




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